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रविवार, 3 सितंबर 2017

अच्‍छी औरत की तलाश...


मुल्‍ला नसरुद्दीन का किस्‍सा

एक दिन मुल्ला और उसका एक दोस्त कहवाघर में बैठे चाय पी रहे थे और दुनिया और इश्क के बारे में बातें कर रहे थे. दोस्त ने मुल्ला से पूछा – “मुल्ला! तुम्हारी शादी कैसे हुई?”
मुल्ला ने कहा – “यार, मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूँगा. मैंने अपनी जवानी सबसे अच्छी औरत की खोज में बिता दी. काहिरा में मैं एक खूबसूरत, और अक्लमंद औरत से मिला जिसकी आँखें जैतून की तरह गहरी थीं लेकिन वह नेकदिल नहीं थी. फिर बग़दाद में भी मैं एक औरत से मिला जो बहुत खुशदिल और सलीकेदार थी लेकिन हम दोनों के शौक बहुत जुदा थे. एक के बाद दूसरी, ऐसी कई औरतों से मैं मिला लेकिन हर किसी में कोई न कोई कमी पाता था. और फिर एक दिन मुझे वह मिली जिसकी मुझे तलाश थी. वह सुन्दर थी, अक्लमंद थी, नेकदिल थी और सलीकेदार भी थी. हम दोनों में बहुत कुछ मिलता था. मैं तो कहूँगा कि वह पूरी कायनात में मेरे लिए ही बनी थी…” दोस्त ने मुल्ला को टोकते हुए कहा – “अच्छा! फिर क्या हुआ!? तुमने उससे शादी कर ली!”
मुल्ला ने ख्यालों में खोए हुए चाय की एक चुस्की ली और कहा – “नहीं दोस्त! वो तो दुनिया के सबसे अच्छे आदमी की तलाश में थी.”

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